शीशगंज गुरुद्वारा-यात्रा दिल्ली की
चाँदनी चौक चौरस्ता के मध्य में गुरुद्वारा शीशगंज स्थित है | सिख संप्रदाय के लोग इस गुरूद्वारे को बहुत महत्त्वपूर्ण मानते हैं | यहाँ सन् 11 नवंबर 1675 ई. में औरंगजेब के आदेश से गुरु तेगबहादुर की एक वृक्ष के नीचे शहादत हुई थी और जल्लाद ने उनका शीश धड़ से अलग कर दिया था | जिस स्थान पर उनका शीश गिरा था आज वहाँ गुरुद्वार है | गुरुद्वारा में निरंतर शबद-कीर्तन और लंगर की व्यवस्था चलती रहती है | आज भी वह वृक्ष है, जो तेगबहादुर के शीश की याद दिलाता है | हमारे जत्थे ने भी पूरी श्रद्धा के साथ यहाँ माथा टेका, बाद में प्रसाद और लंगर भी ग्रहण किया | यहाँ से हम यमुना नदी के तट पर स्थित राजघाट पहुँचे |
क्रमश:
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा: विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मिडिया प्रभारी
हैदराबाद
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