गतांक से आगे
चाँदनी चौक बाजार व शीशगंज गुरुद्वारा-यात्रा
दिल्ली की
लाल किले के प्राचीर के सामने से एक सीधी
सड़क फतेहपुरी मस्जिद तक जाती है | इस सड़क के दोनों तरफ दिल्ली का सबसे पुराना
बाजार, जिसे चाँदनी चौक बाजार कहते हैं, बसा हुआ है | यहाँ की सजी-सजायी दुकानें विविध
प्रकार के सामानों से भरी पड़ी रहती हैं और खरीदारों की भीड़ भी बराबर बनी रहती है |
फुटकर और थोक, दोनों तरह का व्यापार यहीं होता है | यहीं पर गौरीशंकर मंदिर भी है,
जो आधुनिक वास्तुकला का एक सुन्दर नमूना है | यहीं पर ऐतिहासिक महत्त्व का कंपनी
बाग़ भी है, जो अपनी प्राकृतिक सुषमा के चलते किसी का भी मन मोह सकता है | शीशगंज
गुरुद्वारा भी है | चाँदनी चौक चौरस्ता के मध्य में गुरुद्वारा शीशगंज स्थित है |
सिख संप्रदाय के लोग इस गुरूद्वारे को बहुत महत्त्वपूर्ण मानते हैं | यहाँ सन् 11
नवंबर 1675 ई. में औरंगजेब के
आदेश से गुरु तेगबहादुर की एक वृक्ष के नीचे शहादत हुई थी और जल्लाद ने उनका शीश
धड़ से अलग कर दिया था | जिस स्थान पर उनका शीश गिरा था आज वहाँ गुरुद्वार है |
गुरुद्वारा में निरंतर शबद-कीर्तन और लंगर की व्यवस्था चलती रहती है | आज भी वह
वृक्ष है, जो तेगबहादुर के शीश की याद दिलाता है | हमारे जत्थे ने भी पूरी श्रद्धा
के साथ यहाँ माथा टेका, बाद में प्रसाद और लंगर भी ग्रहण किया |
क्रमश:
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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