गतांक से आगे
पुराना किला
पुराना किला प्रगति मैदान के पास एक छोटी पहाड़ी पर खंडहर के रूप में
विद्यमान है | इसके ठीक बगल में यमुना नदी बहती है | इस किले के पीछे जो खंडहर है,
उसमें बिखरी हुई टूटी-फूटी मूर्तियाँ इस कयास को बहुत हद तक सच साबित कराती है कि
प्राचीन इन्द्रप्रस्थ यहीं रहा होगा | इस किले का निर्माण मुग़ल बादशाह हुमायूं ने
सन् 1530 में करा था, लेकिन इसे वह पूरा नहीं कर
सका था | बाद में हुमायूं के अपदस्थ करने वाले शेरशाह सूरी ने किले को एक मुकम्मल
शक्ल देने के अलावा दो मंजिला आठ कोनि वाली मीनारों का भी निर्माण करवाया | यह
निर्माण कार्य 1538 से शुरू होकर 1545में
पूरा हुआ | किला परिसर में मस्जिद, संग्रहालय,सैनिकों और सामंतों के आवास भी हैं |
परिसर में दो ऐतिहासिक इमारतें हैं – एक शहंशाह का किला जो भारतीय-अफगान शैली में
निर्मित है और दूसरा लाल पत्थरों से बनी शेर मंजिल है | इसी इमारत में हुमायूं का
पुस्तकालय हुआ करता था | मुग़ल बादशाह इसी स्थान पर मीनार की सी सीढ़ियों से उतरता
हुआ सन् 1556 में नीचे गिर पड़ा था और उसकी मृत्यु हो गई
थी | यह किला प्रसिद्ध लाल किला से पहले की कृति है | किले की पहाड़ी से नीचे उतरने
पर एक छोटी सी झील मिलती, जहाँ पर्यटन विभाग की ओर से जल-बिहार का प्रबंध पर्यटकों
के लिए किया गया है | यहाँ संगीत के भी मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत होते हैं तथा
रात होने पर रंग-बिरंगी लाइटिंग भी होती है | हमने भी नौका-बिहार का आनंद लिया |
क्रमश:
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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