गतांक से आगे
प्रगति मैदान-यात्रा दिल्ली की
मकबरे के बाद हम देश के सर्वाधिक सुसज्जित
और हरे-भरे मैदान, जिसे प्रगति मैदान कहकर पुकारा जाता है, का अवलोकन करने पहुँचे
| पहुँचने के बाद मुझे चमत्कृत रह जाना पड़ा, क्योंकि इस तरह सुनियोजित, परिष्कृत
और साफ-सुथरा तथा हरा-भरा सुविस्तृत मैदान मैं पहली बार देख रही थी | हरी घास के
मुलायम गलीचे से दबा यह मैदान अपनी अद्भुत छटा बिखेरता है | कई एक फौव्वारे हैं,
जो रात में अपनी रंगीनियत बिखेरते हुए सुन्दर प्रतीत होते हैं | इनके अलावा
साफ-सुथरी चौड़ी सड़कें और खान-पान की दूकानें भी हैं | मैदान के भीतरी हिस्से में
कई ओपेन थियेटर हैं, जहाँ दर्शकों और पर्यटकों के लिए रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत
किये जाते हैं | कई बड़े-बड़े हॉल और सभी राज्यों के पवेलियन भी बने हुए हैं | यहाँ
बड़ी-बड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शिनियाँ आयोजित होती है | औद्योगिक प्रदर्शनी
देखने यहाँ विदेश के लोग भी बड़ी संख्या में आते हैं | यह मैदान भारत सरकार की एक
संस्था इण्डिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन के अधीन है | विश्व-व्यापार मेले का
आयोजन यह संस्था हर साल 14 नवंबर से 28 नवंबर तक करती है और उस समय भारी खरीद-फरोस्त्त होती है | मेले में
नई-नई तकनीकों का ज्ञान भी कराया जाता है | यहाँ का सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र
अप्पूघर है, जिसे देखने के लिए महिलाओं सहित बच्चों की भीड़ छुट्टियों के दिन यहाँ
सर्वाधिक दिखाई देती है |
क्रमश:
संपत देवी मुराराका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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